सूखी वनस्पतियों का संग्राह
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संक्षिप्त नाम – बीएसडी के नाम से ज्ञात इस पादपालय का प्रारम्भ छोटे रूप में हुआ जो अन्य परिमण्डलों से इस बात से भिन्न था कि उनमें पूर्व से ही विरासती तौर पर ऐतिहासिक संग्रह थे लेकिन फिर भी यह क्रमशः उत्तर भारत में टैक्सोनॉमिक एवं फ्लोरिस्टिक अनुसंधान के प्रमुख केंद्रों में से एक बन गया है और इसे विविध विश्वविद्यालयों से पीएचडी अवार्ड हेतु अनुसंधान के लिए मान्यता प्राप्त है | वर्त्तमान में इसमें 1,07,380 परिग्रहीत प्रतिरूप हैं जिसमे 112 टाइप प्रतिरूप भी शामिल है एवं मुख्यतः आदान-प्रदान हेतु हज़ारों डुप्लिकेट्स हैं | इसके अलावा विभिन्न देशों जैसे फ्रांस,यू.के., यू.एस.ए., जापान एवं पूर्व यू.एस.एस.आर. से आदान-प्रदान से प्राप्त लगभग 3,248 प्रतिरूप हैं | इसके अतिरिक्त इस पादपालय में एल्गी,फंगी एवं ब्रायोफाइट्स के 9,620 प्रतिरूप हैं