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उत्तरी क्षेत्रीय केंद्र देहरादून

जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ अधिकार क्षेत्र के साथ 1 अगस्त, 1956 को स्थापित इस परिमंडल में चार जैवभौगोलिक क्षेत्र जैसे ट्रांस हिमालय, पश्चिम हिमालय,गंगा की मैदान एवं कमोवेश गर्म मरुभूमि से लेकर ठंडी मरुभूमि क्षेत्रों की विशाल ऐरे वाली जलवायु दशाओं युक्त अर्ध शुष्क क्षेत्र सन्निहित हैं | केंद्र का तीन संबद्ध गार्डेन देहरादून,पौड़ी (नाग देव) एवं खिरसु में हैं |
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संग्रहालय

पौधों के विभिन्न समूहों जैसे शैवाल, कवक, ब्रायोफाइट्स, पेटरिडोफाइट्स, जिम्नोस्परम्स और एंजियोस्पर्म के 1500 से अधिक प्रतिरूपों को संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया है। कुछ दिलचस्प प्रदर्शन हेतू पौधों में कीटाणुनाशक पौधे, परजीवी, जहरीले पौधे, औषधीय और अन्य आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण पौधे शामिल हैं। ठंडे मरुभूमि, दुर्लभ और संकटग्रस्त पौधे भी प्रदर्शित किए गए हैं। इसके अलावा हमारे देश की वनस्पति समृद्धि और पादप विविधता को रंग तथा काले और सफेद फोटो, चार्ट और नक्शे आदि के माध्यम से दर्शाया गया है।

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पुस्तकालय

इस सर्कल में 3,931 पुस्तकें और 6,550  भारतीय के साथ-साथ विदेशी पत्रिकाओं से युक्त एक सुस्थापित पुस्तकालय है, जो फ्लोरिस्टिक्स, पादप वर्गीकरण, पारिस्थितिकी, फाइटोजियोग्राफी, साइटोलॉजी, जेनेटिक्स, पर्यावरण और संरक्षण आदि के विभिन्न पहलुओं से संबंधित हैं | है। पुस्तकालय 34 भारतीय और 55 विदेशी पत्रिकाओं की सेवा लेने की सदस्यता लिया है |  पुस्तकालय में उपलब्ध कुछ महत्वपूर्ण पुराने प्रकाशन हैं: वैन रियाड का होरटस मालाबारिकस, लिनियस का स्पीशीज प्लान्टेरम एवं मैनटिस्सा प्लान्टेरम, रॉक्सबर्ग. का फ्लोरा इंडिका एवं प्लांट्स ऑफ़ द कोस्ट ऑफ़ कोरोमंडल, बर्मन का फ्लोरा इंडिका, फोस्कल का फ्लोरा एजिप्टिएको-अरेबिका, वालिस का टेंटामेन फ्लोरी नेपालेंसिस एवं एशियाटिके रेरीओर्स, वाइट का आईकोनस प्लान्टेरम इनडिए ओरिएंटलिस और प्रोड्रोमस फ्लोरा पेनिन्सुले इनडिए ओरिएंटलिस, डि. डॉन का प्रोड्रोमस फ्लोरा नेपालेंसिस, रॉयल का इलुस्ट्रेशन्स ऑफ बॉटनी ऑफ हिमालयन माउंटेंस एवं फ्लोरा ऑफ कश्मीरे आदि इस परिमंडल के राजभाषा अनुभाग में 25 खंडों में हिंदी विश्वकोष एवं विभिन्न टॉपिकों से संबंधी 700 से अधिक पुस्तकें हैं |  

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